भारत और पाकिस्तान के बीच हुए ताजा सैन्य संघर्ष में आकाश तीर ने वायु रक्षा और दुश्मन पर सटीक जवाबी हमले की अपनी दोहरी क्षमता का प्रदर्शन किया है, जिससे यह साबित हो गया है कि यह दुनिया में किसी भी अन्य चीज़ की तुलना में संभावित खतरों का पता लगाने, निर्णय लेने और उन पर हमला करने में सक्षम है।
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना की कार्रवाई के दौरान स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली आकाश तीर की रक्षा और मारक क्षमता की दोहरी शक्ति ने अमेरिका से प्राप्त पाकिस्तान के AWACS ग्राउंड रडार सिस्टम को नष्ट कर दिया।
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रक्षा और सामरिक क्षेत्र के वैश्विक विशेषज्ञ आकाश की क्षमता और ऑपरेशन में सफलता को पश्चिमी देशों के लिए आश्चर्यजनक मान रहे हैं। खासकर आकाश तीर की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित स्वचालित लड़ाकू क्षमता को इसकी सबसे विध्वंसक विशेषता माना जा रहा है, क्योंकि यह मौसम, भूभाग, रडार अवरोधन जैसे कई संकेतकों से डेटा एकत्र करके खुद ही मिशन पथ की योजना बनाता है और वास्तविक समय में दुश्मन के हमले का जवाब देता है।
इस संबंध में विशेषज्ञ आकाश की इस विशेषता को कई नाटो देशों के युद्धक्षेत्र में इस्तेमाल किए जाने वाले एआई आधारित लूप को हराने में सक्षम मान रहे हैं। पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना के सटीक विध्वंसक हमले के बाद पाकिस्तानी वायुसेना के पहले ड्रोन-यूएवी और फिर लड़ाकू विमानों से मिसाइलों की बौछार भी भारत की वायु रक्षा को भेद नहीं पाई।
इसमें एस-400 के साथ आकाश तीर ने सबसे अहम भूमिका निभाई। शायद इसीलिए युद्ध विराम के बाद ऑपरेशन सिदूर की कार्रवाइयों का विश्लेषण कर रहे दुनिया के कई विशेषज्ञ अब आकाश तीर को युद्ध रणनीति में बड़ा बदलाव बता रहे हैं। खास बात यह है कि आकाश तीर के जरिए भारत स्वदेशी रूप से निर्मित ड्रोन और स्वार्म ड्रोन, स्वदेशी सैटेलाइट निगरानी और वास्तविक समय में एआई युद्धक्षेत्र समन्वय को सफलतापूर्वक एकीकृत करने वाला पहला गैर-पश्चिमी देश बन गया है।
पारंपरिक वायु रक्षा प्रणालियों के विपरीत, आकाश तीर स्वचालित रूप से संचालित होता है जिसमें ड्रोन उड़ान पथ बदलने, लक्ष्य चुनने और ऑपरेटर के इनपुट के बिना हमलों का समन्वय करने में सक्षम होते हैं। आकाश तीर की एक और खासियत यह है कि यह एक सैन्य वाहन प्रणाली पर आधारित है जो इसे मोबाइल बनाती है।
इसकी वजह से युद्ध क्षेत्र में जरूरत के हिसाब से तैनाती से लेकर इसकी सुरक्षा संभालना अपेक्षाकृत आसान है। इतना ही नहीं, विवादित हवाई क्षेत्र में मित्र विमानों की सुरक्षा की भी इसमें गारंटी है। इसके एकीकृत सेंसर में 3डी टैक्टिकल रडार, लो-लेवल लाइटवेट रडार और आकाश हथियार प्रणाली शामिल हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रविवार को दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव के दौरान पाकिस्तान को धोखा देकर आकाश तीर के समन्वित ड्रोन हमले ने उसके संवेदनशील कमांड जोन में प्रवेश किया। नतीजतन, पाकिस्तान के लाहौर स्थित AWACS और ग्राउंड रडार सिस्टम अपंग हो गए।
पाकिस्तान ने यह AWACS और रडार सिस्टम अमेरिका से खरीदा है और कई पाकिस्तानी रक्षा विशेषज्ञों ने इस पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि यह अब तक हमने जो कुछ भी देखा है, उससे कहीं आगे है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 9-10 मई की मध्यरात्रि को जब पाकिस्तान ने मिसाइलों और ड्रोन से भारतीय सैन्य और नागरिक क्षेत्रों पर अपना सबसे घातक हमला किया, तो उन्हें आत्मरक्षा की अभेद्य लौह गुंबद वाली भारतीय दीवार आकाश तीर से ही चुनौती मिली।
यह आकाशतीर ही था जिसने पाकिस्तान के सभी आने वाले हवाई ड्रोन, मिसाइलों, अन्य माइक्रो यूएवी और अन्य हथियारों को भारतीय वायुसीमा में प्रवेश करने से रोक दिया। जबकि आकाशतीर की तुलना में पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली HQ-9 और HQ-16 भारतीय बलों के हमले को पूरी तरह से रोकने में विफल रही।